14 अप्रैल से सूर्य के मेष
राशि में भ्रमण करने के साथ ही कमुरते समाप्त हो गए हैं और मांगलिक कार्यों के
मुहूर्त शुरू हो गए हैं | ऐसे में ग्रहदशा राजनीतिक दलों को कितना मंगल करा पाती
है यह 16 मई को पता
चलेगा |
मेष राशि में फ़िलहाल केतु भी मौजूद
है | दूसरी तरफ तुला राशि में भ्रमण कर रहे शनि और राहू प्रतियुति योग बनाते हैं |
यह योग विपक्ष को मजबूत बनाता है तथा सत्ताधीशों को कमजोर करता है | सूर्य सत्ता
का कारक है वहीँ केतु अतृप्ति इंगित करता है इसलिए काँग्रेस के दुबारा सत्ता में
आने की मुराद मन में ही रह जायेगी | मतदान का बड़ा भाग सूर्य के मेष राशि में १४ मई
तक के भ्रमण के दौरान ही होना है | शनि और राहू की युति विरोध को जन समर्थन प्रदान
करती है|
स्वतंत्र भारत की वृषभ लग्न की
कुंडली में कर्क राशि है | देश के 13
में से 9 प्रधानमंत्री भी कर्क राशि के ही हुए हैं | फ़िलहाल
जिन तीन नेताओं की चर्चा है – नरेन्द्र मोदी, राहुल गाँधी और केजरीवाल, यह क्रमशः
वृश्चिक, धनु और बृषभ राशिवाले हैं |
इन तीन नेताओं की कुंडली में से
नरेन्द्र मोदी की कुंडली में सूर्य की वर्तमान स्तिथि “विजययोग” का निर्माण करती
है | उनकी कुंडली में चंद्र की महादशा चल रही है जो उच्च पद प्राप्त करने में
सहायक हो सकती है| सूर्य और शनि परस्पर शत्रु ग्रह चर राशि में राहू और केतु के
साथ होने से मोदी के लिए दुर्घटना या षड़यंत्र की सम्भावना भी बनाती है |
धनु राशि से मेष का सूर्य पांचवा
होने से राहुल गाँधी को मेहनत के अनुरूप परिणाम नहीं मिल पायेंगे | उनकी ज्यादातर
चालें उल्टी पड़ती दिखाई देंगी | समय राहुल के अनुरूप नहीं है, ऐसे में अगर
वह अहं एवं कुसंगति से बच सकें तो आने
वाले समय में नुकशान की भरपाई कर पायेंगे |
वहीँ केजरीवाल की कुंडली में मेष
का सूर्य वृषभ राशि से बारहवें स्थान पर होने से साथीयों तथा मित्रों से मनमुटाव
को इंगित करता है| इनके समर्थकों से वांछित सपोर्ट नहीं मिलेगा, वाराणासी से इनके
जीतने की सम्भावना काफी कम है, सम्भावना है कि यह दूसरे स्थान पर भी ना आ पायें |
कुंडली में सूर्य से अष्टम भाव में मौजूद राहू केजरीवाल को गलत
निर्णय लेने के लिए प्रेरित करता है| दिल्ली के मुख्यमंत्री पड़ से त्यागपत्र एक
ऐसा ही निर्णय था | आम आदमी पार्टी के संयोजक की वर्तमान दशा में शनि और
राहू लाभ पहुंचा रहे हैं| नीच राशि का शनि उन्हें चुनौती लेने के लिए प्रेरित करता
है | लेकिन मंगल परेशानी का कारण बन सकता है, हालांकि वह अपनी साख बच पाएंगे|
यह लेख १६ अप्रेल, २०१४ को
नभाटा में प्रकाशित हो चुका है
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