एबीपी न्यूज़ २४
अक्टूबर को प्राइम टाइम में तीन मंत्रियों के बयान दिखाकर बार बार पूछ रहा था कि
प्याज पर कौन झूठ बोल रहा है?
पहली क्लिप थी वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा की, जिसमे वह कह
रहे थे कि प्याज के दाम जमाखोरी के कारण बढ़ रहे हैं | जमाखोरों पर राज्य सरकारों
को कार्यवाही करनी चाहिए | दूसरी क्लिप थी
कृषिमंत्री शरद पवार की | एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि जमाखोरी के
विषय में उन्हें कुछ नहीं पाता, पर दो, तीन हफ़्तों में समस्या सुलझ जायेगी | तीसरी क्लिप थी प्याज बम से
ही १९९८ में मुख्यमंत्री बनी शीला दीक्षित की, जिसमे उन्होंने बताया कि वह जमाखोरों से अनुरोध करती हैं कि इस मौके पर अधिक मुनाफा
ना कमाएँ |
मेरा और कई सारे हिन्दुस्तानीयों का मानना है कि ये माननीय
मंत्री सही हैं | मूल्यवृधि के लिए आपूर्ति और खपत का अनुपात महत्वपूर्ण होता है |
जब खपत आपूर्ति से ज्यादा होती है तो भाव बढते हैं यह इकोनॉमिक्स का सिद्धांत है |
दूसरे जब भाव बढ़ रहे होते हैं तब हर विक्रेता चाहता है कि वह सौदा कुछ देर के लिए
टाल दे जिससे उसे उसके माल का अधिक मूल्य
मिल सके |
इस साल प्याज का उत्पादन कम है | सरकार इस तथ्य को जानते
हुए भी निर्यात को चालू रखे रही | इस हकीकत पर आधारित पवार का बयां झूठा हो नहीं
सकता | जब फसल के अच्छे दाम मिलने की
सम्भावना हो तो किसान कुछ समय फसल को रोके रखना चाहेगा | खरीफ कि फसल तैयार है
खेतों में पड़ी है | बाजार में मांग है, पर उत्पादन खेतों में पड़ा है | वाणिज्य
मंत्री इसे जमाखोरी मान सकते हैं |
प्याज के मुख्य उत्पादक
राज्य हैं – महाराष्ट्र. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात| आनंद शर्मा साहब शायद भूल
गए थे कि चार में से तीन राज्यों में तो कांग्रेस की ही सरकार है | अब अपनी सरकारों
से तो विनती ही हो सकती है सख्ती नहीं | न्यूज़ एंकर भले ही पूछती रहे कि जमाखोरों
से अनुरोध क्यों? सख्ती क्यों नहीं ? राज्य सरकार की असफलता तो केवल गुजरात में ही
गिनाई जा सकती है बाकी जगह तो अनुरोध ही करना पड़ेगा |
अब प्रश्न यह उठता है कि वह न्यूज़ एंकर क्यूँ बार बार पूछ रही थी कि
प्याज पर कौन झूठ बोल रहा है? खबर अब
सनसनी का व्यवसाय बन गई है | २४ घंटे दर्शक जुटाने हों तो तिल का ताड़ तो बनाना ही पड़ता
है | यह बात अलग है कि दर्शक अब समझने लगे हैं कि कब रिमोट का उपयोग करना है |
Other Posts :
युवा देश की बूढी समस्या
Other Posts :
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें